तू ही बता
दिन-रात बसी है बस
तू-ही-तू मेरी सांसों में
दिन-रात बसी है बस
तू-ही-तू मेरी यादों में।
अब तू ही बता कैसे
मैं तुझको भूल जाऊँ
भूलना आसान नहीं होता
ये कैसे मैं समझाऊं?
हम सिर्फ दोस्त हैं
ये तूने ही कहा था
ये बात मैं कैसे
अपने दिल को समझाऊं।
दिल मेरा टूट गया
ये मुझसे ही रूठ गया
अब तू ही बता
मैं दिल को कैसे मनाऊँ।
क्या करूँ मैं , जाऊँ कहाँ मैं
दूर भी तो तुझसे न हो पाऊँ
तुझसे जुड़ी हर बात
मुझसे तेरी याद दिलाए।
उन बातों को मैं
कैसे भूल जाऊँ
अब तू ही बता
कैसे मैं तुझको भूल जाऊँ ?
© Tukbook
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