इश्क़ ख्वाबों से
इश्क़ किताबों से कर लो
इश्क़ अपने ख्वाबों से कर लो
वो तुमसे प्यार नहीं करती तो क्या हुआ
इश्क़ तुम उसकी यादों से कर लो।
मिला क्या तुझे उससे इश्क़ करके
उसने तो तुझे जाना हीं नहीं
तुम्हीं रहते थे उसके लिए पागल
तेरे प्यार को तो उसने पहचाना हीं नहीं।
बस उसके लिए हीं
तेरे दिन और तेरी रातें
तू हीं तो करता रहता था
दिन-रात उसकी हीं बातें।
वो तो न थी तेरी कभी भी
तू हीं उसे खोने से डरता था
छोड़ किताबें और पढाई को
तू बस उससे हीं इश्क़ किया करता था।
इश्क़ जो किये होते किताबों से
दूर न होता जो अपने ख्वाबों से
पास तेरे आज सबकुछ होता
अपनों से भी दूर न होता।
वक़्त अभी भी है संभल जा प्यारे
अब तो खुद से इश्क़ कर लो
इश्क़ किताबों से कर लो
इश्क़ अपने ख्वाबों से कर लो।
© Tukbook
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