जीवन-संघर्ष

क्यूँ हूँ मैं यहाँ
क्यूँ बना है ये जहाँ
कुछ भी न समझ आये मुझे
भटक रहा मैं यहाँ वहां
ये क्या हो रहा है मेरे साथ
कर रहा हूँ मैं खुद से ही बात
कुछ किये बिना ही
गुजर रहे हैं मेरे दिन-रात
चाहता हूँ कुछ करना
करूँ मैं क्या कुछ समझ न आये
कॅरिअर और पढाई की चिंता
अब मुझको तो दिन-रात सताए
गया कहाँ मेरा Motivation
होती है अब मुझको Frustration
कैसे करूँ मैं जीवन-प्रबंधन
इसमें भी तो है बड़ी Confusion
मैं तो हूँ अभी नन्हा-सा बालक
झेलूं कैसे मैं इतनी बड़ी Tension
गुजर रहा हूँ मैं किस दौर से
किस-किस दर्द को करूँ मैं Mention
कैसे करूँ मैं सबकुछ हासिल
मन पे मेरे ये बोझ बड़ा ही भारी है
कन्धों पर घर की जिम्मेदारी है और
सपनों को पूरा करने का संघर्ष भी जारी है।
© Tukbook
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