एक लड़का ही तो होता है

दर्द उसे भी होता है
खून के आँसू रोता है
अपनों की ख़ुशी के लिए
अपने सपनों को खोता है
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है
माँ-बाप की तकलीफें दूर करने को
खुद भी तकलीफें वो सहता है
अपने ग़मों की परवाह कहाँ उसे
अपने सारे गम वो अकेले ही सहता है
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है
अपनों के लिए रोटी कमाने को
अपने सुख चैन वो खोता है
अपनों से ही दूर रहकर
अकेलेपन में वो भी रोता है
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है
कभी तो बड़ों की बात मानकर
खुद की ही बलि चढ़ाता है
जो होता है उसे पसंद
वो भी नहीं कर पाता है
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है
जब देखता है वो
माँ-बाप की तकलीफें और मुश्किल
चल पड़ता है है अकेले हीं
पा लेने को अपनी मंज़िल
पैसों और काम के चक्कर में
बुरी तरह वो घिर जाता है
भूख लगती तो उसे भी ही
पर भूख प्यास सब भूल जाता है
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है
चाहे वो हो दुखी कितना भी
अपने ग़मों को छुपाता है
रोना तो उसे भी आता है फिर भी
औरों के सामने हँसते हुए आता है
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है।
चाहे उसकी गर्लफ्रेंड छोड़ जाए
ये ऑफिस में बॉस से डांट खाए
भूलकर सबकुछ वो
एक बार फिर से वो मुस्कुराता है।
कोई और नहीं वो
एक लड़का ही तो होता है।
© Tukbook
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