दोस्ती या दिखावा
तुम हो इतनी हंसी
सौंदर्य में भी कोई कमी नहीं
हजारों तेरे दीवाने हैं
कितने तो चले गए , कितने आने वाले हैं।
तुमसे तो बात करने को भी
कितने हीं मेरे अलावा हैं
अरे कहने को तो हम दोस्त हैं
कैसे कहूँ ये दोस्ती या दिखावा है।
तू है इतनी अच्छी
तू है इतनी प्यारी
तुझको है क्या पता
कितनी पुरानी है तुझसे मेरी यारी।
तुझको तो अपना यार माना
तुझको मैंने तो प्यार माना
पर तूने न कद्र की मेरी
ना हीं तूने मुझे समझा और जाना।
तुझे तो चाहने वालों की कमी नहीं है
तेरे लिए तो कितने हीं मेरे अलावा हैं
अरे ये तो कहने की बात है
कैसे कहूँ ये दोस्ती या दिखावा है।
© Tukbook
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