उसे मैं छोड़ आया

अब उसे मैं छोड़ आया
जिंदगी के रास्ते अपने मोड़ आया
उसकी ख़ुशी की खातिर
उससे सारे रिश्ते मैं तोड़ आया।
प्यार नहीं था उसको मुझसे
फिर भी किया मैंने उसका इंतज़ार
चाहत है इतनी दिल में मेरे
फिर भी पा न सका मैं उसका प्यार।
उसकी आदतें न मुझसे सही जाती थीं
हर एक बात पर उससे लड़ाई हो जाती थी
चला जाऊँ मैं खुद हीं दूर उससे
इतना वो मुझे सताती थी।
कदर न समझ आयी उसको मेरी
था गुरुर उसे उसके अपनों का
उसको न आया कभी पसंद मैं
बन न सका हिस्सा उसके सपनों का।
मेरी चाहतें अब भी कम नहीं हैं
पर उसके जाने का भी गम नहीं है
कभी हुआ करते थे जिन आँखों में आँसूं
पर उससे दूर होके भी वो आँखें नम नहीं हैं।
© Tukbook
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