मैं भी तो तुझे चाहता था
रखकर तेरे कंधे पर सर
मैं भी तो सोना चाहता था
तेरे लिए ही तो मैं भी
चाँद-तारे तोड़ लाना चाहता था
देकर तुझे ढेर सारी खुशियां
मैं भी तो मुस्कुराना चाहता था।
तेरे उस हसीं चेहरे का
दीदार करना चाहता था
तेरी उस मासूमियत को
मैं भी तो निहारना चाहता था।
तेरी बाहों में बाहें डालकर
दूर तलक निकल जाना चाहता था
तेरे साथ होने की ख़ुशी
मैं भी तो महसूस करना चाहता था।
गोद में रखकर अपना सर
मैं भी तो सुकून पाना चाहता था
तेरे लिए हीं तो मैं दुनिया की
हर ख़ुशी खरीद लाना चाहता था।
रात को खुले आसमान के नीचे
तुझसे ढेर सारी बातें करना चाहता था
तेरे साथ हीं तो रातभर जागकर
उस पल को जी लेना चाहता था।
तेरे लिए हीं तो मैं
लाल गुलाब तोड़ लाना चाहता था
होती है कैसी ये प्यार की खुशबू
मैं भी तो महसूस करना चाहता था।
तुझसे प्यार करके क्या पाया मैंने
मैं बस इतना हीं तो चाहता था
तुझे चाहता रहूँ मैं हमेंशा
और क्या ?
तेरा साथ हीं तो चाहता था।
© Tukbook
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