इश्क़ नहीं तो क्या था

तेरे स्कूल के बाहर घंटो इंतजार
तुम्हारी साइकिल का पीछा करना
सुनो अब तुम ही बताओ
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।
तेरी इक झलक देखने के लिए
नुक्कड़ पे दर्जनों चाय पी जाना
हजारों में बस तुम्हारी दीदार का तलब
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।
तेरे नाम हजारों खत लिखना
हर इक खत का अब तक रखना
अब भी कभी कभी निकाल के पढ़ना
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।
वो कॉलेज के लिए तेरा शहर जाना
महीनों तक सुनी हुई सड़के
सहेलियों से हर रोज तेरा हाल पुछना
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।
तुम्हारे टॉपरों के सूची में पहला नाम
इस खुशी में सारे दोस्तो को दावत
आने की खबर पे सारी रात तकना
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।
वो आने के बाद तुम्हारी पहली दीदार
सुलगती रेत में झरना सा निकलना
इक बार बात करने की तलब
ये इश्क़ नहीं तो क्या था
तुम्हारे नौकरी लगने के चर्चे
रोटी की तलाश में मेरा शहर का जाना
पर हर रात तुम्हारे ख्वाबों में डूबना
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।
महीनों बाद मेरे घर की वापसी
तेरा ब्याह होके ससुराल का जाना
मोहब्ब्त का दफन , इक टीस का रह जाना
ये इश्क़ नहीं तो क्या था।.
© Tukbook
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