सनातनी
है सनातनी धर्मावलंबी हम
रूद्र हमारा साया है
करते आराधना उस हरी के हम
जिसने सबका पार लगाया है।
वो आदि है, है अनंत वो
उन्होंने विश्व बनाया है
है पालनहार, करे असुर संहार
संसार उनमें रमाया है।
हर कण में हर रोम में
वायु अग्नि बनाया है
उससे बनते उसमें हीं मिलते
वो हीं सांसारिक मोह-माया है।
है परम्ब्रह्मा है वो हीं परमेश्वर
जीवनदाता वही हैं इक
करो कीर्तन करो गुणगान या
उसे पाने के हैं राह अनेक।
होकर लिन कर आराधना
लौकिक में शामिल हो जाओ
छोड़ ये दुनिया का झोल-झाल
उस देव लोक के हो जाओ।
लो नाम हरि का तुम सुबह-शाम
बस करता जा तू कर्म सभी
वो खेवैया है मृत्यु लोक का
हो जाएगा बेड़ा पार कभी।
© Tukbook
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