क्यूँ
क्यूँ इतना तुझे प्यार करूँ मैं
क्यूँ इतना तू मुझको याद आये
न तुझसे जुदा हो शामें मेरी
न तेरे बिन सुबह हो जाये।
क्यूँ इतना तुझे सोचा करूँ मैं
क्यूँ इतना तू मेरे ख्वाबों में आये
तेरे बिन न कुछ अच्छा लगे
तेरी यादें मुझे दिन-रात सताएं।
कैसे बताऊँ तुझे मेरी मोहब्बत
तुझको तो कुछ समझ न आये
कटते नहीं मेरी दिन तेरे बिन
कैसे तेरे बिन रातें बिताएं।
क्यूँ इतना तुझे प्यार करूँ मैं
क्यूँ इतना तू मुझको याद आये।।
मैं अपना दर्द न तुझे दिखाऊं
अपने गम मैं सबसे छुपाऊँ
चाहा मैंने तुझे भूल भी जाऊं
क्यूँ फिर तू मुझको याद आये।
तेरे लिए मैंने छोड़ा सबकुछ
क्यूँ तू मेरे पास न आये
चाहा था मैंने तुझको बताना
तेरे लिए कितने सपने सजाये।
क्यूँ इतना तुझे प्यार करूँ मैं
क्यूँ इतना तू मुझको याद आये।।
© Tukbook
Wow, 🙏 🙏
जवाब देंहटाएंLove poem 👌 👌