ये ख्याल आया

आज फिर से उसको Online
देखा तो ये ख्याल आया
वो आती तो Online रोज है पर
आज भी उसका कोई Message न आया।
न जाने मेरे हिस्से का
वो वक़्त कहाँ अब जा रहा है
वो Online बातें किसी और से करती है
ये बात अब मुझसे न सहा जा रहा है।
आज फिर से उसको Online
देखा तो ये ख्याल आया।
कभी ये न सोचा था अपनी Life में
एक ऐसा वक़्त भी आएगा
वो Online तो होगी हरदम पर
उसका Message फिर भी न आएगा।
आज फिर से उसको Online
देखा तो ये ख्याल आया।
लगता है ऐसा अब उसका मन
मेरी बातों से भर गया है
उसके दिल में होता था सिर्फ मैं कभी
मेरी जगह अब कोई और आ गया है।
आज फिर से उसको Online
देखा तो ये ख्याल आया।
खैर जाने दो अब कोई बात नहीं
जिसे इतना चाहा अब वो साथ नहीं
बिना उसे याद किये हीं गुजर जाए
आज भी मेरा कोई दिन कोई रात नहीं।
आज फिर से उसको Online
देखा तो ये ख्याल आया।
© Tukbook
yaha kis vyakti ki baat ho rahi hai ?
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