चेहरा गुलाब

 चेहरा गुलाब  

Tukbook

हमें धोखा देने वाली का
चेहरा गुलाब जैसी है
की ख्याल-ए-ग़म का 
नशा भी शराब जैसी है

मेरे दिल का अब तो 
ये हाल है जैसे
तेरे फ़िराक़ का आलम 
भी ख़्वाब जैसी है

मगर कभी कोई देखे 
कोई पढ़े तो सही
दिल आईना है तो 
चेहरा किताब जैसी है

वो ख्याल में है मगर 
सपनों मे नहीं आती 
मेरा इतिहास भी 
फुल-ए-गुलाब जैसी है

"एज़ाज़ " उसके ख्यालों से 
ज़ख़्म ज़ख़्म सही
पर उसकी ख्याल भी 
मीठी तासीर जैसी है 

और "एज़ाज़" तुझे तो 
हर लड़की पसंद है 
 पर कुछ लड़की 
शरबते ख़राब जैसी है... 
अल्फाज़-ऐ-एज़ाज़ 
© Tukbook

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