गुज़रे हुए प्यार
ज़माने के बाद भी,
दिल में रही वो
छोड़ के जाने के बाद भी,
इज़्ज़त के दायरे में रह के
दिल दिया था उसको,
रखा है उसको याद,
भुलाने के बाद भी,
वो यहाँ नहीं है मगर
वो यहीं पे है,
तेरा ही ज़िक्र है
तेरे जाने के बाद भी,
लगता है कुछ कहा ही
नहीं है उसे "एज़ाज़"
दिल का तमाम हाल
सुनाने के बाद भी,
© Tukbook
अल्फाज़-ऐ-एज़ाज़
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