खामोशी (The Silence)
मैं कबसे रूठा हूँ तुझसे
कोशिश भी की जताने की
कोशिश भी की जताने की
तुझे तो परवाह हीं नहीं मेरी
कोशिश भी न की मनाने की
तुझे पता नहीं अपने हीं बारे में
और करते हो बातें ज़माने की
भूलने को कुछ बाकी हीं न रहा
याद भी न रही बातें अफ़साने की
अब लबों पर छायी है ख़ामोशी
किसको पड़ी है हँसने और हँसाने की
बस यूँ हीं जिए जा रहे हैं हम
रिश्ते तो हैं बस दिखाने के
तुम भी Busy हो गए अपनों के बीच
मैं भी लगा अपना Career बनाने में
छोड़ दिया है मैंने भी बचपना
अब मज़ा नहीं आता किसी को सताने में।
© Tukbook
Nice 👏👏👏👏
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