अजीब दुनिया है...

 


अजीब दुनिया है,.... 

नाकाबिलियत  यहाँ पर सर उठाते हैं

और जो लोग काबिल है 

वो दुनिया में तकलीफ उठाते हैं, 


अजीब शहर है यहाँ 

कोई किसी का साथ नहीं देते 

और हमारे गाँव में तकलीफ भी 

सब मिल कर उठाते हैं, 


इन्हें फ़िरक़ापरस्ती मत सिखा देना लोगों, 

ये बच्चे हैं जो मिल कर कटी पतंग उठाते है,


समंदर के सफ़र का 

अलग ही मिजाज है,

लहरों का भी ख़ुदा हाफ़िज़ का 

तोहफा हम उठाते हैं, 


हमारे देश के नौजवान आशिक है  

अपने काम का, मगर अपने पेट की ख़ातिर

अपनी काबिलियत का हुनर उसे दिखाना था

 मगर अब अपनी काबिलियत का बोझ हर जगह उठाते है,...


© Tukbook

टिप्पणियाँ