संदेश

एक टूटी हुई आस की फरियाद

अजीब दुनिया है...

समाज की सच्चाई

माँ...

माँ, बाप...

सोच अपनी-अपनी

दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाले,

थक गया है सफर

खुदा की अमानत है बेटियाँ...

घर परिवार और समाज...

ये आखिरी है ज़िन्दगी

निर्गुण - सत्य